Monday, March 27, 2006

The Hymn of Creation

श्रिष्टी से पहले सत नहीं था, असत भी नहीं
अंतरिक्ष भी नहीं, आकाश भी नहीं था
छिपा था क्या, कहाँ, किसने ढ़का था
उस पल तो अगम, अटल जल भी कहाँ था

श्रिष्टी का कौन है कर्ता
कर्ता है वा अकर्ता
ऊचे आकाश में रहता
सदा अध्यक्ष बना रहता

वही सचमुच में जानता, या नहीं भी जानता
है किसी को नहीं पता, नहीं पता
नहीं है पता, नहीं है पता

वह था हिर्नयागर्भ श्रिष्टी से पहले विद्यमान
वही तो सारे भूत जात का स्वामी महान
जो है अस्तित्वमान धरती आसमान धारन कर
ऐसे किस देवता कि उपासना करें हम अवि देकर

जिस के बल पर तेजोमय है अंबर
प्रिथ्वी हरी भरी स्थापित स्थिर
स्वर्ग और सूरज भी स्थिर
ऐसे किस देवता की उपासना करें हम अवि देकर

गर्भ में अपने अग्नी धारन कर पैदा कर
व्याप्या था जल इधर उधर नीचे उपर
जगा चुके वो का एक्मेव प्रान बनकर
ऐसे किस देवता की उपासना करें हम अवि देकर

ॐ! श्रिष्टी निर्माता स्वर्ग रच्येता पूरवज रक्षा कर
सत्य धर्म पालक अतुल जल नियामक रक्षा कर
फैली हैं दिशायें बाहू जैसी उसकी सब में सब पर
ऐसे ही देवता की उपासना करें हम अवि देकर
ऐसे ही देवता की उपासना करें हम अवि देकर

This is not only supernatural like all of other Hindu chants but also brings nostgalic memories of Shyam Benegal's masterpiece. I'm looking for a source to download/buy the episodes of 'Bharat ek Khoj', any pointers will be highly appreciated.

Transliteration Source: http://en.wikipedia.org/wiki/Bharat_Ek_Khoj
English Translation: http://www.crhc.uiuc.edu/~vbhandar/hymn_of_creation.html
MP3 Download http://www.coolgoose.com/music/song.php?id=211300

2 comments:

Anonymous said...

English translation of the creation hymn (Rigved 10:129).
http://www.princeton.edu/~howarth/573/rig-veda.html

bluesman said...

hey I'm searching for bharat ek khoj as well.. any luck?